रस्ते हज़ार है,
पर मंज़िल है खफा.
हर बदलते मोड़ पर,
ज़िन्दगी करती रही गुमा।
कल जो उठा था,
कल बिखर रहा होगा।
साये ने दस्तक दी,
पर ज़िंदा कोन यहाँ।
पर मंज़िल है खफा.
हर बदलते मोड़ पर,
ज़िन्दगी करती रही गुमा।
कल जो उठा था,
कल बिखर रहा होगा।
साये ने दस्तक दी,
पर ज़िंदा कोन यहाँ।
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